Wahan Kaphila Milega

कई अल्फ़ाज़ यूँही रह गये खुले आसमान में कहीं बह गए। वहाँ बादलों से बारिश के साथ बरसेंगे उन बूँदों में कहीं शायद अपना क़ाफ़िला मिलेगा

Mere saath chala woh Chand

पुराने गाने सुनते रस्ता चला पेड़, खेत, नादिया पीछे छोड़ चला साथ चली बस हवा कुछ गुनगुनाती अच्छे सफ़र की देती दुआ और चला वो चाँद हर कदम मेरे साथ बादलों से गुज़रता, कुछ मुस्कुराता जानता है वो, शायद मेरे मन की बात

Udta hoon uchayion mein

हाँ नज़र आईवो ज़मीनउड़ते आसमान सेउन बादलों सेसाफ़ साफ़, सब कुछ थोड़ी पहचानीथोड़ी अजनबी सी लगीक्या रखा था नामकिस नाम से थी पहचानहाँ, ऐसा ही था कुछ ज़ुबान पे आते आते वो रह गयाजब पास पहुँचेंगे तो शायदयाद आएगाहर एक रस्ता, हर एक मंज़िलऔर वो सब कुछ फिर सोचेंगेउस ज़मीन पर रखें पाओंकी फिर सेContinue reading “Udta hoon uchayion mein”

Morning Chai

ये चाय की प्याली समेटे है अपने में पूरी सुबह वो सुबह की ताजगीवो सौंधी सी महक और वो अपना ज़ायक़ा और उसमें घुली यादेंहै सुबह खूबसूरत जैसे ये चाय की प्याली

House of Wood

पेड़ के तने पर है एक काठ का घर है घर जैसा पर अपना नहीं कुछ तिनकों से सजाना होगा है सुंदर पर अभी अपना नहीं मोहब्बत से रंगना होगा ख़्वाहिशों को सच बनाना होगा तब होगा सच, अपना कल सिर्फ़ रहेगा एक सपना नहीं नये पंख उड़ेंगे अपना आसमान ढूँढेंगे होगी नई शुरुआत उनContinue reading “House of Wood”

Dhuan

है धुआँये जहांउड़ता हुआबहता हवाओं मेंफिर मिलता हैइन फ़िज़ाओं में कहाँउस आग से निकलाउस आग में दफ़नतू पहले था कहाँऔर कल होगा कहाँना तुझे खबरना कोई ग़ुमाये जहांहै बस धुआँ

Kai saal guzar gaye

उसी मंदिर की घास पर बैठे,नंगे पाओं।सर झुकाए इबादत मेंकई साल गुज़र गए । छोटे पाओं बड़े हो गयेदिल मगर सिकुड़ गये।दिल खोल के हंसेकई साल गुज़र गये । फ़र्श साफ़ सुथरा हैशायद पहले से महँगा।नंगे पाओं चलेकई साल गुज़र गये । है रास्ता वहीकदम चले सोच समझ केबेख़ौफ़ दौड़ेकई साल गुज़र गये । हैContinue reading “Kai saal guzar gaye”

kyun #Why

क्यों ये कैसा सवाल है इसका क्या फ़ायदा है क्यों पूछें है ये सब ऐसा क्या क़ायदा है क्यों याद करें वो जो हो गया है क्यों ढूँढें जो खो गया है क्यों कहें मन की किसने सुना है क्यों मायूस हों हुआ ही क्या है क्यों ये कैसा सवाल है इसके कई जवाब हैContinue reading “kyun #Why”

Ek khoobsurat si yaad

चलोरह जाते हैंइस लम्हे में कहींए ज़िंदगीतू गुज़र जा चलोरह जाते हैंइस मुस्कुराहट में कहींए उदासीतू गुज़र जा चलोबन जाते हैंएक ख़ूबसूरत सी यादए समयतू गुज़र जा बड़ी जल्दी हैए ज़िंदगी तुझेतेरे बेसब्र पैरों तलेकुचले गएफ़ुरसत भरे लम्हेकई ढूँढोगे जब वो ख़ुशीओर वो महकाती हँसीछोड़ा था जहांपाओगे वहीं उस आख़री मोड़ पेउस ढलती शाम कोरुकContinue reading “Ek khoobsurat si yaad”