फिर वही दिनजीना चाहता हूंफिर वही राहों सेगुजरना चाहता हूं हर उस पल को महसूस करना चाहता हूंजैसा था, जैसा हुआबस वैसा ही रखना चाहता हूं हर खुशी और गम के लम्हों कोफिर एक बार चखना चाहता हूं कुछ छोटेकुछ लंबेकदमों के निशान परफिर चलना चाहता हूं कुछ बदलने की ख्वाइश नहींकोई शिकवा कोई शिकायतContinue reading “Phir ek baar”
Category Archives: Hindi poem
Connected though love
Paws rest on my lap warmth seeping through fur and skin We are connected
मुखौटे
ऐसा कुछ है जो भूल गया शायद कोई बात है जो कहते कहते रह गया। थोड़ी हिचक थोड़ी शर्म रोक टोक और अनदेखा भ्रम। ज़िन्दगी की सीख से चुनी रसमों की दीवारों में सही और गलत रंग की सियाही से लिखे दकियानूसी रिवाजों ने एक एक कर दफनाया है कई सहमें से ख्वाबों को। ऐसेContinue reading “मुखौटे”
वक्त है, गुज़र जाएगा
लो आगया छुट्टी का दिनलगता दूर था महीने पहलेजैसे कभी नहीं मिलेंगे इस दिन से, कई दिनों तककई अरमान बुने थेये करेंगेउनसे मिलेंगेदेर तक बातें करेंगेपर ये समय है कि मानता नहींरेंगता, कभी भागताबस चलता रहता हैकुछ पल लगाथोडा और जी लेंकुछ पल को, थोड़ा रोक लेंऐसी उम्मीद, उम्मीद ही रह गईकुछ अरमान पूरे हुएकुछContinue reading “वक्त है, गुज़र जाएगा”
Aaj Vela hoon
आज अकेला हुंसुबह से वेला हूंदुनिया को बचानेअपने घर पे सोयेला हूं भ्रमण कर आजघर वापस आया हूंकश्मीर से कन्याकुमारी का सफरवास्तव में कर आया हूं इंसान को ६ फीट दूर से देखा तोथोड़ा डरा हुआ पाया हैहर आंखों में शक और कौफ का साया भरपूर नजर आया है इस नासूर वायरसका वास्ता है डरContinue reading “Aaj Vela hoon”
दीवार पे तस्वीर
दीवारों पे टंगी तस्वीर नेबेजुबान कई कहानियांअतीत की आवाज़ चुरा करआज मुझे सुनाया है कैद कर वो लम्हातस्वीरों के बेजान पन्नों परफिर आज जैसेवही एहसास लौट आया है नज़र धुंधला गई हैआंखे नम हो गई हैतस्वीर वहीं दीवार पे थम गई हैपर अरमानों ने उड़ान भर ली है समय की सूइयों कोमोड़ने का ख्याल आयाContinue reading “दीवार पे तस्वीर”
वहां हमेशा तक
यूहीं साथ चलेकुछ देर तककुछ दूर तक यूहीं साथ चलेकदमों के निशानसमय की रेत पर ऐसा लगा कल की बात हैसाल २२ बीत गए बातों बातों में वक़्त का पता ना चलाकई कहानियां कह गए कुछ मीठे कुछ तीखेकई पकवान सज गए जिस्म अलहदा सहीअपने काम में मशरूफ कभीएहसास गहरे रह गए कदम साथ यूंContinue reading “वहां हमेशा तक”
एक और एज़फा सिफर हो गया
डायरी में काम लिख करपूरा दिन भर दियालो एक दिन और गुजर गयाएक और इज़ाफ़ा सिफर हो गया ये लिस्ट लंबी है अभी काम बाकी है वक्त का हर लम्हा भर सा गया हैएक और दिन इसी होड मेंबिसर हो गया रस्ता लंबा हैपेड़ों का साया पीछे रह गयारुकने का वक्त मुकर्रर नहीं कियाहर नज़ाराContinue reading “एक और एज़फा सिफर हो गया”
Happy Independence Day
freedom from the binds within and outside Happy Independence Day
लंबी ड्राइव
चलो एक लंबी ड्राइव पे चलेंरास्ते और मंजिल से बेफ़िकर एक बार बिना किसी मतलब के चलें कुछ दूर चल कर तुम सुकून की तरफ मोड़ लेना मन करे तो वो अपना पुराना गाना भी लगा लेना आज हर बात की छूट है हाँ तुम गुनगुना भी सकते हो अपनी ही तो गाड़ी है सुरोंContinue reading “लंबी ड्राइव”