ये ज़िंदगी क्या है पलों का गुलदस्ता हसीन पल तुम्हारे साथ गुज़रे लो ज़िंदगी हो गयी
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Bliss
इतना सुकून है यहाँहर दिन की दौड़ से दूरकितना सुकून होगा वहाँइन सब से परेजहां तन्हाई मेंअकेलापन नहींखामोशी में जहांउदासी नहींबस दूरदुनिया से अलगख़ुशी से भी परेखुद के आस पासख़ामोशतनहाखुश
Khali haath aaye the, Khali haath jayenge
कौनसा पिटारा लेके जाओगे क्या क्या पसंद आया है कितनी लम्बी उम्र है उसमें कितनी ज़िंदगी है समेटने में उम्र गुज़ारी है इन संदूक़ों का क्या होगा बहुत भारी हो गयी है इस भोझ का क्या होगा दुआओं का पिटारा भरना है खवायिशों का पेट कहाँ भरा है हाथ ख़ाली रहने वाले हैं जहां अगलेContinue reading “Khali haath aaye the, Khali haath jayenge”
Koshish
किसी ने की कोशिशदो कदम चलने कीउस नुक्कड़ पर फिर से मिलने कीकोई कदम पहुँचे ही नहीं किसी ने की कोशिशलिखे ख़त को पड़ने कीपन्नो पे महके अल्फ़ाज़ समझने कीकुछ ख़त लिफ़ाफ़ों से निकले नहीं किसी ने की कोशिशदबी आवाज़ को सुनने कीअनकहे लफ़्ज़ों को समझने कीकुछ शोर अनसुने ही रहे किसी को सुनाई दियाकिसीContinue reading “Koshish”
Mera dost Andhera
रात आयी तोअंधेरा भी साथ आया हैदिन के उजाले मेंकहाँ उससे मिलना हो पाया है दिन के उजाले मेंरोशनी के पीछेशर्मिला सा, सहमा साछुपा रहता है शायद दिन की तपती धूप से राहत कीचादर लाया है अंधेरादोस्तों से मिल बैठने कामाहौल भी लाया है ये अंधेरा चाँद को साथ लिएकुछ रोशनी भी लाया हैटिमटिमाते तारोंContinue reading “Mera dost Andhera”
Alive
किस बात का गम हैकिस बात की है ख़ुशीक्यूँ आज आँखें नम हैऔर होंठों पे है हँसी किसका इज़हार करते हैंक्या है जो छुपाते हैंकौनसा सच हैंऔर किसको सच समझ जाते हैं ऐसा मातम क्यूँ हैकिसके जनाज़े पर गए हैं सभीसाँस शायद रुख़ गयीं हैपर ज़िंदा हूँ में अभी
Udaan
ऊँचायीयों से डर लगता है गिरने का खौफ है उड़ने का हुनर, सीखा नहीं गिरने का शोक है क्या फ़रक है कौनसा सही एक उभरता है एक ढलता है दोनों सिरों में डोर तो एक है एक पाने में जुटा है एक खोने में खुश है
ग़लत फ़हमी
ड्रॉइंग रूम में सजी मूरतजो किसी कारीगर कीनायाब कारीगरी थीजिसे मजबूर हो करबेचा था उसनेआज वो मेरी है धूल से लथपथअपने गले परअपनी क़ीमत लटकाएजो कभी दुकान के कोने मेंबेज़ुबान पड़ी थीआज वो मेरी है मोल देकर ख़रीदा हैमालिक बदल गया हैना पूछा इस बेज़ुबान सेना ज़रूरत समझीकिसी और की ज़िंदगी का हिस्सा थीआज वोContinue reading “ग़लत फ़हमी”
Aaj bhi vaisa hi
इन उँगलियों पे लिपटी वो हसरत भरे नरम हाथ मासूम नज़रों से ताकती वो नज़र और वो एहसास आज भी वैसे ही है दौड़ के सीने से लगना खुश हो कर कंधो पर झूल जाना हर आप बीती बयान करना वो चुलबुली सी बातें आज भी वैसे ही हैं उस शरारती कोने में छिपा हुआContinue reading “Aaj bhi vaisa hi”
Unbridled Laughter बेफ़िक्र बिंदास हँसी
होंठों से आँखो तक पहुँचतीफिर आयी वो हँसीबेफ़िक्र बिन्दासवही ठहाकों वाली हँसी दोस्तों की बातों मेंपुराने लम्हे फ़िर ताज़ा हुएकुछ क़िस्से जो याद थेकुछ चुपचाप भुलाए हुए हंसते हंसते शायदग़ुस्ताख़ आँखें भर आयीकुछ देर जैसे अनबुलायीचुप्पी सी छागयी अपने ख़यालों में चुपचापसबने अपनी ज़िंदगी फिर जी लीखामोशी ने सबकी कहानीचीक चीक के सुना दी स्क्रीनContinue reading “Unbridled Laughter बेफ़िक्र बिंदास हँसी”
