Meri parchai dhoondhta hoon inme

उन ऊँचाइयों से देखा हैज़िंदगी को उड़ते हुएहवाओं का रुख़ जिस तरफ़ थाउसी रुख़ बहते हुए सूरज को ढलते देखा हैडूबते क्षितिज को रंगते हुएजैसा रंग खुद का थाउसी रंग में घुलते हुए पानी को बहते देखा हैठहरे पथरों पर छलाँगे भरते हुएजिस तरफ़ उसका अंत थाउसी समंदर की तरफ़ मदमस्त बहते हुए रोशनी कोContinue reading “Meri parchai dhoondhta hoon inme”

Adhuri Tasveer

तस्वीर बनीथोड़ी अधूरीशायद कोई रंग रह गयाजो मेरे पास था ही नहींउन्हें ढूँढने निकला हूँ सुबह की घास में कुछसमंदर सा हराढलती साँझ मेंवो मायूस लाल रंग वो ऊँचे आसमान मेंवो गहरा नीलावो हस्ते कमल मेंमुस्कुराता हुआ पीला वो टूटते लहर मेंमैला सा सफ़ेदऔर उस पिघलती बर्फ़ वालाचमकीला सफ़ेद हर अनोखा रंग समेट करवहाँ पहुँचाContinue reading “Adhuri Tasveer”