Ho shayad woh kharra

छोड़ दूँ वो सब जो तुम्हें लगे बुरा कुरेद कर नोच कर जो बचे हो शायद वो खरा और ना बचा कुछ अगर तो बस रहेगा दिल मोहब्बत भरा

Adhuri Tasveer

तस्वीर बनीथोड़ी अधूरीशायद कोई रंग रह गयाजो मेरे पास था ही नहींउन्हें ढूँढने निकला हूँ सुबह की घास में कुछसमंदर सा हराढलती साँझ मेंवो मायूस लाल रंग वो ऊँचे आसमान मेंवो गहरा नीलावो हस्ते कमल मेंमुस्कुराता हुआ पीला वो टूटते लहर मेंमैला सा सफ़ेदऔर उस पिघलती बर्फ़ वालाचमकीला सफ़ेद हर अनोखा रंग समेट करवहाँ पहुँचाContinue reading “Adhuri Tasveer”