
तस्वीर बनी
थोड़ी अधूरी
शायद कोई रंग रह गया
जो मेरे पास था ही नहीं
उन्हें ढूँढने निकला हूँ
सुबह की घास में कुछ
समंदर सा हरा
ढलती साँझ में
वो मायूस लाल रंग
वो ऊँचे आसमान में
वो गहरा नीला
वो हस्ते कमल में
मुस्कुराता हुआ पीला
वो टूटते लहर में
मैला सा सफ़ेद
और उस पिघलती बर्फ़ वाला
चमकीला सफ़ेद
हर अनोखा रंग समेट कर
वहाँ पहुँचा मैं
जहां सतरंगी इंद्रधनुष का झरना
धरती पर छलक रहा है
उन खुश रंगों में
नहा आया हूँ
समेटे रंग सारे
उसी झरने में डाल आया हूँ
कुछ ग़ुस्ताख़ बूँदें
मेरी तस्वीर पर गिरी
वो मेरी तस्वीर
अब कुछ पूरी सी लग रही है
Adding colours to the alchemy of life ✨✨
Beautifully worded.
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Beautiful 👌👌👌👌
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🙏🙏🙏
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Looking through the prisam of life which encompasses all the Beautiful coloured.
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Bilkul Achan 🤗🤗
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