Bliss

इतना सुकून है यहाँहर दिन की दौड़ से दूरकितना सुकून होगा वहाँइन सब से परेजहां तन्हाई मेंअकेलापन नहींखामोशी में जहांउदासी नहींबस दूरदुनिया से अलगख़ुशी से भी परेखुद के आस पासख़ामोशतनहाखुश

Khali haath aaye the, Khali haath jayenge

कौनसा पिटारा लेके जाओगे क्या क्या पसंद आया है कितनी लम्बी उम्र है उसमें कितनी ज़िंदगी है समेटने में उम्र गुज़ारी है इन संदूक़ों का क्या होगा बहुत भारी हो गयी है इस भोझ का क्या होगा दुआओं का पिटारा भरना है खवायिशों का पेट कहाँ भरा है हाथ ख़ाली रहने वाले हैं जहां अगलेContinue reading “Khali haath aaye the, Khali haath jayenge”

I still don’t win

It’s cold and windy My body lays bare The nature pitted against me It’s not even fair I close my eyes And I am still The wind passes me by I feel no chill In this battle with nature I still don’t win Because it’s not out there It’s there within

Aaj bhi vaisa hi

इन उँगलियों पे लिपटी वो हसरत भरे नरम हाथ मासूम नज़रों से ताकती वो नज़र और वो एहसास आज भी वैसे ही है दौड़ के सीने से लगना खुश हो कर कंधो पर झूल जाना हर आप बीती बयान करना वो चुलबुली सी बातें आज भी वैसे ही हैं उस शरारती कोने में छिपा हुआContinue reading “Aaj bhi vaisa hi”