Wo mod hi nazar nahin aata

एक अंधेरा भी हैजो रोशन बहुत हैएक खामोशी हैजो कहानी कहे जा रही है मेरे साथ मेरा साया थारात हुई तो खो गया है शायदकल सुबह सुबह मिलेंगे उससेअभी अकेले चल पड़ा हूँ साथ साथ अंधेरा भी चल पड़ा हैऔर वो बातूनी खामोशी भीपूछे बिग़ैर अपने अकेले क़ाफ़िले मेंशामिल हो गया है बातों बातों मेंवक्तContinue reading “Wo mod hi nazar nahin aata”

Aaj Vela hoon

आज अकेला हुंसुबह से वेला हूंदुनिया को बचानेअपने घर पे सोयेला हूं भ्रमण कर आजघर वापस आया हूंकश्मीर से कन्याकुमारी का सफरवास्तव में कर आया हूं इंसान को ६ फीट दूर से देखा तोथोड़ा डरा हुआ पाया हैहर आंखों में शक और कौफ का साया भरपूर नजर आया है इस नासूर वायरसका वास्ता है डरContinue reading “Aaj Vela hoon”