Kuch der aur. Sona chahta hoon

कुछ पढ़ना नहीं लिखना चाहता हूँ  और थोड़ी देर सोना चाहता हूँ  … अगर रास्ते में हूँ तुम्हारे  तो सरका दो  या बैठो मेरे साथ  चुप चाप, इत्मिनान से  … वक्त को भरना नहीं  गुज़रते हुए देखना चाहता हूँ  बारिश से बचना नहीं  जी भर के भीगना चाहता हूँ  … अगर कुछ छींटे तुमपर गिरContinue reading “Kuch der aur. Sona chahta hoon”

Ab uthegi subah

तुम उठोगी सुबह शायद होगी सुबह खूबसूरत जैसी तुम हो आँखें मलती हुई लेके अंगड़ाई उठेगी सुबह जैसे तुम हो कुछ नींद में सूरज से खेलती आँख मिचौली जैसे तुम हो अब उठेगी सुबह मेरी बाहों में जैसे तुम हो

Yes Wahin (हाँ वहीं)

हाँजाना हैवहाँतुम हो जहांऔरहो वहाँबसअपनावो गानाजो सुनाई देसिर्फ़ हमेंजो नाछेड़ेमखमली तनहाइयों कोजो हम ने ओड रखा हैहाँवहाँ सो जाना हैजहांतुम्हारी धड़कन होऔरतनहाई

Is there something more serene? Aur Sukun Kya Hai

एक प्यारा साथीअपना सुना हुआ सा गानाथोड़ी सी हवाधीरे से चलते लम्हेऔर सफ़र क्या है ठंडी खामोशीथोड़ी गरम साँसेना मौक़े की तलाशना कोई मायूसीऔर हासिल क्या है कुछ फ़ुरसतकुछ धूपठंडी घासऔर नंगे पाँवऔर सुकून क्या है