Have you ever felt the mixed feeling when the book is over. You feel maybe it could linger with you a bit longer. But like everything else, it also must end. But you still wait for a few words more… Another day to live…a few more hour with the beloved. One more hug… A lastContinue reading “The book ends…and I am yet not sleepy”
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Kaise pehchanoge
कैसे पहचानोगे जो ख़ुद ने छिपा रखा है वो चेहरा अलग है जो नज़रों ने बना रखा है कई बार कोशिश की नक़ाब उतार फेंक देने की नक़ाब नज़रों ने अलग सा पहना रखा है जिस दिन अपना कवच निकाल, नंगे बदन में, दुनिया से मिलूँगा ख़ुद को दुनिया में दुनिया को खुदको में पाऊँगाContinue reading “Kaise pehchanoge”
I think I should get lost
मन कहता है मैं हो जाऊँ घूम … ना कुछ कहूँ ना किसिको सुनाई दूँ बस रहूँ अंधेरे सा ना दिखाई दूँ और बस घुल जाऊँ तारों की चमक मैं रात कली की महक मैं ठंडी हवाओं के झोंके में … मन कहता है मैं हो जाऊँ घूम
Raat ki Maggi
रात की Maggiकुछ भूखकुछ बस यूँ ही कढ़ची घुमातेकरी ढेर सारी बातें कुछ संजीदा, कुछ बस यूँ ही डेढ़ ग्लास पानी मिलानाऔर, थोड़ा instructions से कुछ अलग करना जैसा है, वैसा सही था Carrot और मटर डाल कर उसे बर्बाद करना कोई reason नहीं पेट की नहीं मन की भूक है ज़्यादा कोई खाये elaborateकुछContinue reading “Raat ki Maggi”
Travel beyond (Bas chalna Hai)
मुड के देखा तो हसीन नज़ारे देखे क्या छोड़ आया हूँ क्या अब आगे है जो छोड़ आया हूँ अच्छा था जैसा भी था सच्चा था एक सफ़र है मंज़िल नहीं किसको पहुँचना बस मुझे चलना है
Safar, muskurate hue guzarega
मिलने चलेअपने दोस्त से सफ़र यूँ ही मुस्कुराते हुए गुज़राहै दिल के क़रीब वो दोस्त है, भाई सा खून के रिश्तों से खराबैटकर बातें होंगी कुछ दोहरायी हुई और कुछ नयी कहने को है बहुत साराख़ुशियों का जश्न होगा नाचेंगे, हो के मस्त गाने भी गायेंगे कुछ सुर में, कुछ बेसुरा कई दिन हुए मिलेContinue reading “Safar, muskurate hue guzarega”
Ye Khali Raat
ये ख़ाली रात इंतज़ार से भर गई जब समेटने लगे तो मोहब्बत के सिवा कुछ ना मिला नींद को लेके कहीं दूर चलीं हैं, कुछ फ़िक्र की झुर्रियाँऔर जब मुड के देखा तो रुकी हुई सुइयों के सिवा कुछ ना मिला कदम बड़े हिसाब से उठे लहरों से बच कर ज़िंदगी चली पाओं के निशानContinue reading “Ye Khali Raat”
Spirit of the River
अपनी ही धुन में थिरकते पांव मदमस्तबेख़ौफ़ बेफ़िक्रदरिया की मौजकिनारों के अंकुश से कभी की वफ़ादारीतो कभी बनी बाग़ी दरिया की मौजचले समंदर की ओरअपनी सुदबुध छोड़ करअपनी पहचान भूल कर दरिया की मौजहिम की औलाद समंदर में समायीरह गयी तो बस दरिया की मौज
Colour of the sky
है आसमान में कौनसा रंग वो तो दिखता है हवा और बादलों में है बादलों में कौनसा रंग हल्के हैं, तो सफ़ेद भर गये, तो काले हवा मैं कौनसा रंग है सुबह का नीला है श्याम की लालिमा और रात का सावलापनहै आसमान अठरंगीहर रंग में ढाला वो देखती हैं आँखें जो हो मन मेंContinue reading “Colour of the sky”
Twelve angry men
एक फ़ैसला जो सबको मंज़ूर हो या वो सच जो सबको महसूस हो
