Unbridled Laughter बेफ़िक्र बिंदास हँसी

होंठों से आँखो तक पहुँचतीफिर आयी वो हँसीबेफ़िक्र बिन्दासवही ठहाकों वाली हँसी दोस्तों की बातों मेंपुराने लम्हे फ़िर ताज़ा हुएकुछ क़िस्से जो याद थेकुछ चुपचाप भुलाए हुए हंसते हंसते शायदग़ुस्ताख़ आँखें भर आयीकुछ देर जैसे अनबुलायीचुप्पी सी छागयी अपने ख़यालों में चुपचापसबने अपनी ज़िंदगी फिर जी लीखामोशी ने सबकी कहानीचीक चीक के सुना दी स्क्रीनContinue reading “Unbridled Laughter बेफ़िक्र बिंदास हँसी”

Aaj Vela hoon

आज अकेला हुंसुबह से वेला हूंदुनिया को बचानेअपने घर पे सोयेला हूं भ्रमण कर आजघर वापस आया हूंकश्मीर से कन्याकुमारी का सफरवास्तव में कर आया हूं इंसान को ६ फीट दूर से देखा तोथोड़ा डरा हुआ पाया हैहर आंखों में शक और कौफ का साया भरपूर नजर आया है इस नासूर वायरसका वास्ता है डरContinue reading “Aaj Vela hoon”