Haan, Abhi wala mauka sahi hai

लोग हैं, तो रिश्ते हैंरिश्ते हैं, तो ख़लिश भी कोई ग़लत है तो कोई सही भीइस भीड़ में कहीं एक हंसी छिपी थी अभी अभी तो इन आँखों में उसकी चमक दिखी थी चलो, उसे ढूँढते हैं करें कब शुरुआत ये सोचते हैं है मौक़े बहुतपर कौनसा मौक़ा सही हैये जो अभी वाला मौक़ा हैContinue reading “Haan, Abhi wala mauka sahi hai”

Ek khoobsurat si yaad

चलोरह जाते हैंइस लम्हे में कहींए ज़िंदगीतू गुज़र जा चलोरह जाते हैंइस मुस्कुराहट में कहींए उदासीतू गुज़र जा चलोबन जाते हैंएक ख़ूबसूरत सी यादए समयतू गुज़र जा बड़ी जल्दी हैए ज़िंदगी तुझेतेरे बेसब्र पैरों तलेकुचले गएफ़ुरसत भरे लम्हेकई ढूँढोगे जब वो ख़ुशीओर वो महकाती हँसीछोड़ा था जहांपाओगे वहीं उस आख़री मोड़ पेउस ढलती शाम कोरुकContinue reading “Ek khoobsurat si yaad”