Roshni ka Dayara “Boundaries of Light”

मेरी हस्ती का है रोशनी का दायरा रोशनी से लिपटा अंदर, साये से भरा रोका है मैंने रोशनी को नादान, उसके सामने खड़ातिनका उस रोशनी में रोक कर समझूँ अपने को बड़ाना हूँ मैं तो हो सिर्फ़ रोशनी पहचान जाऊँ जब अपनी असल कहानी नयी सुबह की भोर में दायरा सिकुड़ जाएगा बस रोशनी होगीसायाContinue reading “Roshni ka Dayara “Boundaries of Light””

Mere saath chala woh Chand

पुराने गाने सुनते रस्ता चला पेड़, खेत, नादिया पीछे छोड़ चला साथ चली बस हवा कुछ गुनगुनाती अच्छे सफ़र की देती दुआ और चला वो चाँद हर कदम मेरे साथ बादलों से गुज़रता, कुछ मुस्कुराता जानता है वो, शायद मेरे मन की बात

Kites in the Sky

रंग बिरंगी ढेर सारी पतंग कुछ कटी हुई और कुछ ऊँचाइयों को छूती हुई जो डोर से बंधी थी वो उड़ रही थी जो कट गई थी वो हवा के साथ बहती जा रही थी जब थक उड़ान थी पतंग पर हर की आस थी कट जाने पर अगले पतंग की तलाश थी कन्नी कसContinue reading “Kites in the Sky”

Haan, Abhi wala mauka sahi hai

लोग हैं, तो रिश्ते हैंरिश्ते हैं, तो ख़लिश भी कोई ग़लत है तो कोई सही भीइस भीड़ में कहीं एक हंसी छिपी थी अभी अभी तो इन आँखों में उसकी चमक दिखी थी चलो, उसे ढूँढते हैं करें कब शुरुआत ये सोचते हैं है मौक़े बहुतपर कौनसा मौक़ा सही हैये जो अभी वाला मौक़ा हैContinue reading “Haan, Abhi wala mauka sahi hai”

Golgappa – Sphere full of taste

गोलगप्पे खाने का है चाव बड़ा पर जल्दी खाने में है फ़िक्र बहुत खड़ा हूँ क़तार में अपने मौक़े के इंतज़ार में पर इस बार तय कर लिया है खाऊँगा अगला निवाला पूरे इत्मीनान से

Toh aur kya hai?

समय की बदलती रेत पर ठंडी लहरों का खेल मेरे गालों पर, ये तुम्हारी, ग़ुस्ताख़ उँहलियाँ नहीं तो और क्या है नरम धूप से पिघलती ओससुबह सुबह नींद से भरी ये तुम्हारी, वो आँखें नहीं तो और क्या है ये महकती हवाजो मुझे मदहोश कर दे ये तुम्हारी, गरम साँसें नहीं तो और क्या हैContinue reading “Toh aur kya hai?”