
एक शहर पुराना
यादों से भरा हुआ
यादों की डोर खींच लायी है
एक बार और
हर लम्हा याद आया है
वो मोड़, वो हँसी
फिर वही रास्ते
एक बार और
कहीं निशान मिट गए
कहीं अब भी सजावट है
किसी ने पुकारा है
एक बार और
एक खुश लम्हा
यहीं रह गया था
मिल कर हँसे हैं
एक बार और
ईंटों की ढेर
इमारत बनेगी
फिर घर बसेगा
एक बार और
उन गालियों में फिर गए
उन खुश लम्हों को फिर जिये
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🤗
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It is always very emotional and a feeling of belonging when you look back to your own old path. A home coming. Happy memories.
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Thanks Achan 🥰🤗😊
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