
बादलों के परे हूँ मैं
शायद
आसमान हूँ मैं
ख़ुशियों की हवाओं में
है मेरी उड़ान
फिर भी परेशान हूँ मैं
अपने आप को ढूँढने निकला हूँ
अपने आप से
अनजान हूँ मैं
फ़िज़ाओं में क़ैद हूँ
हाँ ख़ुदा नहीं हूँ
इंसान हूँ मैं

बादलों के परे हूँ मैं
शायद
आसमान हूँ मैं
ख़ुशियों की हवाओं में
है मेरी उड़ान
फिर भी परेशान हूँ मैं
अपने आप को ढूँढने निकला हूँ
अपने आप से
अनजान हूँ मैं
फ़िज़ाओं में क़ैद हूँ
हाँ ख़ुदा नहीं हूँ
इंसान हूँ मैं
I am a dreamer I weave tales in my mind I am connected to you through these words And through this screen across the virtual world View more posts
खुद की खोज में
या खुदा की
मिलेंगे दोनों भीतर
खुद ही के
बस इन खुदी की बेड़ियों परे।
Beautiful poetry beautiful photography 👌🏻👌🏻
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Bilkul 🙏🙏🙏
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