Wahan Kaphila Milega

कई अल्फ़ाज़ यूँही रह गये खुले आसमान में कहीं बह गए। वहाँ बादलों से बारिश के साथ बरसेंगे उन बूँदों में कहीं शायद अपना क़ाफ़िला मिलेगा