
भूलना है
बहुत कुछ
क्या क्या भुलाओगे
ये बताओ
अगर याद करोगे
वो सब
तो फिर कैसे भुलाओगे
ये बताओ
हर लम्हा नया है
साफ़ सुथरा है
इसमें पुराने रंग क्यों भरें
ये बताओ
ख़ुशियों से भर दें
इस लमहें को
आने वाला कल इसमें बसा है
इसे सजाओ
ज़िंदा हो
तो जी लो ख़ुशी से
हर पल ज़िंदगी का
लुफ्त उठाओ
गहरी नींद में सो रहा हूँ
शायद सुबह हो गई है
नयी सुबह की धुन
मुझे सुनाओ
क्या भूलना था
वो तो भूल गया
नये सपनों को जीना है
अब मुझे जगाओ
👌
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