
अम्मा का फ़ोन आया
हाल चाल पूछा
मौसम का हाल भी समझा
फिर कुछ और कहना चाहा
तो हमने कहा
आज थोड़ा व्यस्त हूँ
कल काल करूँगा
अम्मा चुप हो गयी
कहते कहते रुक गयी
ऐसा हर बार सुना था
पर इस व्यस्त होने का तर्क
उनको कुछ विपरीत सा लगा
कई सवाल मन में उठे
कल और आज में फ़रक
बहुत गहरा नज़र आया
बेटा, ये कैसा समय है
हर काम तेज़ी से हो रहा है
फिर भी तुम ज़्यादा व्यस्त हो
आने जाने के साधन कई हैं
और ज़्यादा तेज और चुस्त हैं
फिर भी तुम ज़्यादा व्यस्त हूँ
बूढ़ी हो चुकी हूँ शायद
ऐसा अम्मा ने खुद को समझाया
दूर काम के लिए
चल के ही तो ज़ाया करते थे
घर से आफिस का सफ़र
घंटों में किया करते थे
फिर भी हर दिन अपनों से
घंटों तक बातें कर लिया करते थे
श्याम की चाय की चुस्कियों के साथ
कई क़िस्से फिर से सुना दिया करते थे
मुल्क मोहल्ले की खबर
नुक्कड़ की चाय की दुकान पर मिला करती थी
खबर सुनने का समय
उस फ़ीचर फ़िल्म के बाद
हफ़्ते में एक बार हुआ करता था
जितनी ज़रूरत थी उतना पाता था
आज कल पूरा दिन खबरों पे चर्चा होती है
फिर भी लगता है सच का कुछ पता नहीं
हिसाब किताब और वो गणित
उँगलियों पे किया करते थे
आज कम्प्यूटर और मोबाइल का दौर है
चुटकियों में सब काम हो जाता है
ख़त लिखने में घंटों बिताया करते थे
अपने जज़्बात उन पन्नों पे उतार देते थे
आज ईमेल का दौर हैं
शब्द और जवाब कम्प्यूटर खुद बता दिया करते हैं
काम जल्दी हो रहा है
ज़िंदगी की रफ़्तार भी तेज है
फिर क्यूँ दिन के चौबीस घंटे
पूरे नहीं लगते
ज़िंदा तो हैं
पर ज़िंदगी के पल
कुछ कम से लगते हैं
सब कुछ ज़्यादा है
फिर भी कमी से रहती है
अम्मा असमंजस में थी
सवाल जो मन में उठे थे
ज़ुबान तक भी पहुँचे थे
पर कहते कहते रुक गयी थी
फ़ोन भी चुप हो गया था
उस तरफ़ का कनेक्शन बंद हो गया था
पर उसे पूरा विश्वास था
फ़ोन की घंटी फिर बजेगी
देर तक बात होगी
कल का इंतेज़ार रहेगा
उसने कहा था आज व्यस्त हूँ
कल काल करूँगा
It touched my Heart ❤!!!
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Emotional कर दिया bhaiji
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धन्यवाद
दिल की बात थी
अच्छा लगा कि दिल को छू गयी
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