Aaj bhi vaisa hi

इन उँगलियों पे लिपटी

वो हसरत भरे नरम हाथ

मासूम नज़रों से ताकती

वो नज़र और वो एहसास

आज भी वैसे ही है

दौड़ के सीने से लगना

खुश हो कर कंधो पर झूल जाना

हर आप बीती बयान करना

वो चुलबुली सी बातें

आज भी वैसे ही हैं

उस शरारती कोने में छिपा हुआ

वो क़िस्सा आज भी महफ़ूज़ है

वो ग़ुस्ताख़ पर्चे और ख़ाली ख़त के पन्ने

वो किताबों में छुपे सूखे फूल

आज भी वैसे ही हैं

स्कूल की वैन में बैठे

भरी आँखों से पलट कर देखना

मेरा लपक कर उसे बाहों में भर लेना

वो झिझक और वो भीगे नैन

आज भी वैसे ही हैं

पर आज रोक ना पाया,

अपना रास्ता खुद चुन रही है

बड़ी जो हो गयी है वो

पर मेरी नज़र में आज भी

वो नज़र और वो एहसास

आज भी वैसे ही है

Published by Echoes of the soul

I am a dreamer I weave tales in my mind I am connected to you through these words And through this screen across the virtual world

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