
फिर वही दिन
जीना चाहता हूं
फिर वही राहों से
गुजरना चाहता हूं
हर उस पल को
महसूस करना चाहता हूं
जैसा था, जैसा हुआ
बस वैसा ही रखना चाहता हूं
हर खुशी
और गम के लम्हों को
फिर एक बार
चखना चाहता हूं
कुछ छोटे
कुछ लंबे
कदमों के निशान पर
फिर चलना चाहता हूं
कुछ बदलने की ख्वाइश नहीं
कोई शिकवा कोई शिकायत नहीं
बस एक बार और
जीना चाहता हूं