है रास्ता धुंधला बूँदों से है मैला हूँ में वक़्त का मुसाफ़िर है हर लम्हा अकेला बादलों से मिलने है लहरों ने ली छलांग कह रही है चिल्ला चिल्ला के ये पवन आने वाला है तूफ़ान है दोस्त मेरा, ये मौसम है ये ऋत, जानी पहचानी है कुछ मेरे ही जैसा थोड़ा संजीदा, थोड़ा रूमानी
