The wet grass and the feet of sun

गीले घास पर पड़े जब नंगे पैर लगा जैसे धरती से जुड़ गया हूँ ओस की ठंडक जैसे मुझमें घुलने लगी भीनी भीनी सी सुबह की धूप भी आसमानों से जैसे उसी वक़्त आ पहुँची उसकी गर्माहट कुछ नया एहसास लेके आयी है खून के सात घुल कर दिलों की धड़कन और साँसों में समायीContinue reading “The wet grass and the feet of sun”