नयी सुबह

कुछ खो सा गया हैऐसा एहसास है।क्या कोई चमन थाजो खो गया है? खून की बारिशकुछ थम सी गई है,खुला आसमानकुछ नया सा लगता है। खौफ का आलमकुछ ऐसा था कि,इस खामोश अमनकी आदत नहीं थी। हालात बदलेंगेशक इस बात का हर वक़्त रहा,अपनी खुश नसीबी काअर्से से एतबार नहीं है। इतना झूट से रिश्तागहराContinue reading “नयी सुबह”