
हूँ अलग
है मुझे रिझाना
है सृष्टि
को आगे बढ़ाना
है रंग अलग
सब पसंद करते हैं
शायद इसीलिए
मुझे तोड़ लेते हैं
दिखता हूँ,
क्योंकि अलग हूँ
अगर वो हरा ना होता
तो मैं लाल, कैसे होता
मेरा लाल रंग
वो हरा, वो नीला,
सावन की बारिश में
है सब कुछ सबसे मिला

हूँ अलग
है मुझे रिझाना
है सृष्टि
को आगे बढ़ाना
है रंग अलग
सब पसंद करते हैं
शायद इसीलिए
मुझे तोड़ लेते हैं
दिखता हूँ,
क्योंकि अलग हूँ
अगर वो हरा ना होता
तो मैं लाल, कैसे होता
मेरा लाल रंग
वो हरा, वो नीला,
सावन की बारिश में
है सब कुछ सबसे मिला
I am a dreamer I weave tales in my mind I am connected to you through these words And through this screen across the virtual world View more posts