
तुम अलग नहीं
तुम मुझमें हो
आपस में कोई
फ़ासला नहीं
एक मुलाक़ात
बरसों पहले हुई थी
पहली मुलाक़ात
बादलों में हुई कभी
सफ़र सदियों का है
राह साथ गुज़ारी है
ज़िंदगी की रेत पर
कदमों के निशान दो नहीं
साथ जो गुज़रा
हर लम्हा बेमिसाल
असल में या ख़्वाबों में
तुम्हारे बिना कोई पल नहीं
नाम जुड़ गया है
ख़्वाब और उम्मीदें जुड़ गयीं हैं
एक हस्ती है
मेरी अलग कोई पहचान नहीं
तुम अलग नहीं हो
कोई और नहीं
मुझसे तुम हो
तुमसे में हूँ
Awwwww… God Bless you Both
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Too good and great composition sir
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Beautiful words ,stay blessed you both.
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Thanks a lot 🙏🙏
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