क्यों चाहता हूँ तुमको
तुम तो मैं हूँ
पाने की ख्वाहिश नहीं
तुम तो मैं हूँ
खोने का ख़ौफ़ नहीं
तुम तो मैं हूँ
क्या सुनना है
बस शोर है
शोर इतना गूंजा
की खामोशी हो गयी
तुमसे मुलाक़ात जो हुई
खुद से पहचान हो गयी
क्यों चाहता हूँ तुमको
तुम तो मैं हूँ
पाने की ख्वाहिश नहीं
तुम तो मैं हूँ
खोने का ख़ौफ़ नहीं
तुम तो मैं हूँ
क्या सुनना है
बस शोर है
शोर इतना गूंजा
की खामोशी हो गयी
तुमसे मुलाक़ात जो हुई
खुद से पहचान हो गयी
I am a dreamer I weave tales in my mind I am connected to you through these words And through this screen across the virtual world View more posts
Bahut hi badiya👍🙂
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Ji bilkul sahi है ये आपके जीवन में saathi bhi आपका aap hi ho
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हाँ बिलकुल
अपनी पहचान
दूसरों में ढूँढता हूँ
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