दोस्तों की महफ़िल है
छलकेंगे पैमाने
क़िस्सों का सिलसिला चलेगा
बनेंगे कई फ़साने
वक्त नया है
नए दोस्त, नए याराने हैं
पर जब भी मिलेंगे वो दोस्त
गूंजे वही तराने हैं
कई साल पुरानी बात है
कई साज़ और ताल मिलाने हैं
फिर वहीं से शुरू करेंगे
वही रस्ते वही मोड़ पुराने है
कुछ तो है जो जोड़े रखता है
रिश्ता तो कोई नहीं है
वक़्त और शहर अलैदा सही
दिलों के बीच फ़ासला ज़्यादा नहीं है
दोस्तों की महफ़िल है
छलकेंगे पैमाने
कुछ पहुँचेंगे
किसी के बहाने हैं
Wah
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Thanks Sir
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Wah!!👏👏
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😊😊🙏🙏
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