The night spoke

रात की बात  मुझसे हुई  खामोश रहे  कुछ लम्हे दोनों  फिर लंबी बात हुई  … डर नहीं लगता, क्या तुमको? उसने पूछा, सहम सहम कर  मैं ख़ुद हूँ डरा, और चकित हूँ  मुझसे मिलने  क्यों आया कोई  … फ़िर व्यथा  अपनी सुनाई  मेरे बारे  कुछ पूछा नहीं  कई अरसे का बांध भरा था  आज अचानकContinue reading “The night spoke”