Bohut zaruri ho

है मालूम तुमको, सबको पता है मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है, पर ये इज़हारबहुत ज़रूरी है हो तुम हमारे, फिर भी हर बार खुदा से करी तुम्हारी ख्वाहिश,हाँ ये इल्तिजा बहुत ज़रूरी है कौनसे मौक़े की तलाश है हर लम्हा मुबारक है आज तो कह दिया हमेश कहते रहना बहुत ज़रूरी है हाँ किए हैंContinue reading “Bohut zaruri ho”