है मालूम तुमको,
सबको पता है
मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है,
पर ये इज़हार
बहुत ज़रूरी है
हो तुम हमारे,
फिर भी हर बार
खुदा से करी
तुम्हारी ख्वाहिश,
हाँ ये इल्तिजा
बहुत ज़रूरी है
कौनसे मौक़े की तलाश है
हर लम्हा मुबारक है
आज तो कह दिया
हमेश कहते रहना
बहुत ज़रूरी है
हाँ किए हैं कई ख़ता
हमने किया है तुम्हें बड़ा परेशान
पर प्यार जो इतना करते हैं तुमसे
माफ़ करना भी
बहुत ज़रूरी है
तुम्हारी सालगिरह है
कई दोस्त आए हैं
इस जश्न भरी महफ़िल में
हमें याद रखना भी
बहुत ज़रूरी है
वैसे तो बड़ी भीड़ है
बहुतों से तुम्हारी जान पहचान है
पर इस भीड़ में, याद रखना
कोई अपना होना भी
बहुत ज़रूरी है
साँसे ले लेता हूँ
धड़कन भी चल रही है
पर ज़िंदा रहने के लिए
तेरा अनंत वाला साथ
बेहद ज़रूरी है
मुझे पता है
तुम्हें अच्छा लगता हूँ
कोई वाह वाही की मेरी ख्वाइयोश नहीं
पर बस तुम्हारा मुस्कुराते रहना
बहुत ज़रूरी है
है मालूम तुमको,
सबको पता है
मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है,
हाँ ये इज़हार
बेहद ज़रूरी है
Beautifully written.
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