तेरी मौत का जश्न बड़ा आलीशान है ए आदत ये तुझसे मेरी आखरी मुलाकात है गहरी नींद में सो रहा था हैवान वहीं नींद में गला घोंट आया हूँ आज जब से जगा हूँ सब कुछ बदला सा है पाऊँ ज़मीन पर नहीं आज मन कुछ हल्का सा है बहुत खाया अब भूक नहीं पहुँचContinue reading “Maut ka Jhashn (Glorious celebrating the death)”
