यादों का क्या
अतीत का आईना है।
अतीत का क्या
यादों ने ही पिरोया है।
कुछ याद रहा
कुछ भूल गया।
कुछ याद रखा
कुछ भुला दिया।
मेरा अतीत मेरा है
मैंने बनाया है
मेरा भविष्य मेरा है
मैंने बनाना है
आईना साफ़ है
कोई शिकन नहीं
कदम पे मायूसी कि
बेड़ियाँ भी नहीं
ना अतीत कि फ़िक्र है
ना भविश्य कि परवाह
आज में मदमस्त
रंग भर दिए हैं
So Touching….. And then he finally went into deep sleep…. Awesome…..👌
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