यूहीं साथ चले
कुछ देर तक
कुछ दूर तक
यूहीं साथ चले
कदमों के निशान
समय की रेत पर
ऐसा लगा
कल की बात है
साल २२ बीत गए
बातों बातों में
वक़्त का पता ना चला
कई कहानियां कह गए
कुछ मीठे
कुछ तीखे
कई पकवान सज गए
जिस्म अलहदा सही
अपने काम में मशरूफ कभी
एहसास गहरे रह गए
कदम साथ यूं चले
एक हस्ती रह गई
बाकी निशान मिट गए
यूंही चल पड़े
साथ साथ
कुछ दूर तक
वहां हमेशा तकl
बेहतरीन👌
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Many thanks. Such feedbacks are motivating. Thanks once again
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