आज क्यूँ ऐसा लगा
तुमसे दोस्ती कर लें….
…. जान पहचान हुए
अर्सा हो गया
यह चेहरा
कुछ अपना सा लगा…
… आँखों में आंखें डाले
अर्सा हो गया
हाथ थामा है अब
तो गर्माहट का अह्सास हुआ…
… ठंड में नर्म धूप का लुफ्त लिए
अर्सा हो गया
आज जब बैठे
तो सदियों के किस्से याद आये…
… फुर्सत कि दोपहर चुरा कर सोए
अर्सा हो गया
तुमसे आज फिर मुलाकात हुई
अछा सा लगा…
… नए दोस्त बनाए
अर्सा हो गया
आज क्यूँ ऐसा लगा
तुमसे दोस्ती कर लें…
… रिश्ता हमारा हुए
अर्सा हो गया